Little Known Facts About Shiv chaisa.
Little Known Facts About Shiv chaisa.
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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
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अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
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जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही shiv chalisa lyricsl उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।